कैसी यह देर लगाई है दुर्गे

Hey Maat Meri – Kaisi Yeh Der Lagai Hai Durge – Lyrics in Hindi


कैसी यह देर लगाई है दुर्गे – हे मात मेरी

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


भव सागर में घिरा पड़ा हूँ
काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।
मोह आदि जाल में जकड़ा पड़ा हूँ।
हे मात मेरी, हे मात मेरी॥

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


ना मुझ में बल है, ना मुझ में विद्या।
ना मुझ ने भक्ति, ना मुझ में शक्ति।
शरण तुम्हारी गिरा पड़ा हूँ
हे मात मेरी हे मात मेरी॥

कैसी ये देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


ना कोई मेरा कुटुम्ब साथी,
ना ही मेरा शरीर साथी।
आप ही उभारो पकड़ के बाहें
हे मात मेरी हे मात मेरी॥

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


चरण कमल की नौका बना कर
मैं पार हूँगा ख़ुशी मना कर।
यम दूतों को मार भगा कर
हे मात मेरी, हे मात मेरी॥

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


सदा ही तेरे गुणों को गाऊं
सदा ही तेरे सरूप को ध्याऊं।
नित प्रति तेरे गुणों को गाऊं
हे मात मेरी, हे मात मेरी॥

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


ना मैं किसी का, ना कोई मेरा
छाया है चारो तरफ अंधेरा।
पकड़ के ज्योति, दिखा दो रस्ता
हे मात मेरी, हे मात मेरी॥

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


शरण पड़े हैं हम तुम्हारी
करो यह नैया पार हमारी।
कैसी यह देरी लगाई दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी॥

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।

कैसी यह देर लगाई है दुर्गे
हे मात मेरी, हे मात मेरी।


Kaisi Yeh Der Lagai Hai Durge – Hey Maat Meri

Narendra Chanchal


Durga Bhajan